समय के साथ कुछ शब्दों के अर्थ बदल जाते हैं जैसे सटीक, ग्रह

समय के साथ केवल एक सन्दर्भ में अधिक प्रयोग के कारण शब्दो के अर्थ संकीर्ण हो सकते हैं। फिर से समय के साथ उस संकीर्ण अर्थ का आस पास के अन्य संदर्भो में उस शब्द का फैलाव हो सकता है , जिनमें पहले कभी उस शब्द का प्रयोग ही नहीं हुआ। फिर और आगे चलकर उनमें से किसी एक सन्दर्भ में अधिक प्रयोग से शब्द के अर्थ में फिर एक नई संकीर्णता आ सकती है। इस प्रकार समय के साथ शब्द का अर्थ अपने मूल अर्थ से बिलकुल अलग हो जाता है।

ग्रह शब्द के आज वो अर्थ नहीं है जो मूल थे , आज ग्रह का अर्थ सूर्य का चक्कर लगाने वाले विशाल खगोलीय पिण्ड हैं। पहले सूर्य चंद्र भी ग्रहों की श्रेणी में आते थे । ठीक यही बदलाव यूरोप के planet शब्द के अर्थों में भी हुआ । इससे अन्य शब्द भी आ गए। ये कौन सी गिरह/ग्रह आन पड़ी . ये गिरह यद्यपि ग्रह से ही आया है पर केवल ज्योतिष के सन्दर्भ में प्रयोग होते होते इसके अर्थ में बदलाव हो गए।

सटीक शब्द का अर्थ कभी “टीका सहित” होता था । संभवतः जिन बातों में टीका साथ में हो उनके बिलकुल सही होने की सम्भावना अधिक होती हो , इसलिए इस शब्द का अर्थ आज “बिल्कुल ठीक” हैं।

महजबों से भारत का नाता पड़ा तो मजहब शब्द के अनुवाद की आवश्यकता हुई। ये शब्द भारत में था ही नहीं । अच्छा होता बाहरी शब्द अपना लिया जाता। भारतीय शब्द का ही प्रयोग करने वालों ने इसके स्थान पर धर्म शब्द का प्रयोग किया और धर्म जैसे पवित्र शब्द के अर्थ बदल दिए।

चरित्र शब्द का अर्थ अक्सर मात्र ब्रह्मचर्य के सन्दर्भ में होते हुए देखा जाता है।

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भाषा जल प्रवाह की तरह है जो देश काल एवं परिस्थिति के अनुसार अपना स्वरूप परिवर्तित कर लेती है। कभी-कभी यह परिवर्तन अवाञ्छनीय भी होते हैं।

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