सतत चर्चा: अंग्रेजी शब्दों का हिन्दी में कितना प्रयोग हो

अंग्रेजी शब्दों का हिन्दी में कितना प्रयोग हो , अनुवाद कितना हो, ये चर्चा का विषय बना रहता है। हिन्दी भाषा के लिए ऐसी चर्चाएँ अच्छी हैं।

अंग्रेजी से शब्दिक अनुवाद करके ऊट पटांग हिन्दी शब्द बनाने के हजारो उदाहरण मिल सकते हैं। यदि आप मोबाइल की भाषा हिन्दी कर लें तो सौ पचास उदाहरण तुरंत ही मिल जाएँगे।

इनमें से कुछ शब्द तो हिन्दी का मजाक उड़ाने के लिए बनाए गए थे, लेकिन एक बड़े वर्ग ने उसको सही मान लिया जैसे: लौह पथ गामिनी। ये शब्द केवल मजाक के लिए बना, सामान्य बोलचाल में प्रचलित भी नहीं है और ना ही किसी शब्दकोश ने इसको स्थान दिया है। लेकिन एक वर्ग इसको अंग्रेजी train की सही हिन्दी समझता है।

कुछ शब्दों का स्रोत क्या है पता नहीं पर शाब्दिक अनुवाद यूँ ही लिख दिए जाते हैं।

जैसे अंग्रेजी शब्द है pedestrian subway, ये सड़क पार करने के लिए भूमिगत रास्ता होता है। वैसे तो इसमें pedestrian निरर्थक है और subway ही पर्याप्त है। लेकिन कुछ देशों में मेट्रो रेल भूमिगत है इसलिए उसे subway कह दिया गया है। चूँकि subway से मेट्रो रेल का भ्रम हो सकता है, इसलिए उन स्थानों पर subway से पहले pedestrian लगाना पड़ा। इसका हिन्दी अनुवाद लिख दिया जाता है “भूमिगत पैदल पार पथ” , ऐसे अनुवादों को देखकर हिन्दी भाषा को कठिन, अपर्याप्त या किलिष्ट कह दिया जाता है । यदि अंग्रेजी को दिमाग से निकालकर देखें तो “भूमिगत रास्ता” सही और सटीक शब्द है।

इसका दोष किसको दिया जाए। मेरे जैसे हिन्दी प्रेमी भी कुछ तो इस दोष के हक़दार हैं ही, इसमें लोगों का मार्गदर्शन करने वाली कोई पर्याप्त सामग्री अब तक उपलब्ध नहीं है। सामग्री तो छोड़ दें, इस विषय पर हिन्दी विद्वानों में पर्याप्त चर्चा भी नहीं हुई है।

अंग्रेजी शब्दों के हिन्दी में प्रयोग होने विषय में विचारों के ये दो चरम होते हैं।

  1. सभी प्रचलित अंग्रेजी शब्दों का कोई ना कोई हिन्दी रूप/अनुवाद हो
  2. सभी प्रचलित अंग्रेजी शब्द सीधे ही अपना लिए जाएँ

मैं इन दोनों चरमों का समर्थन नहीं करता हूँ बल्कि इस बात का समर्थन करता हूँ कि हर शब्द का चुनाव उसके विशेष अध्ययन के बाद हो। पहले तो अंग्रेजी भूलकर ये देखना चाहिए कि हम इस शब्द को क्या कहते रहे हैं। अंग्रेजी से अनुवाद का प्रयास या अंग्रेजी शब्द का प्रयास बेकार में ही फँसा सकता है।

रेलवे लाइन पर Level Crossing का किसी ने अनुवाद लिख दिया समपार। जबकि हर कोई जानता है कि ये फाटक है। फाटक शब्द अंग्रेजी Level Crossing का हिन्दी अनुवाद नहीं है, लेकिन हम उस स्थान पर फाटक शब्द का ही प्रयोग करते रहे हैं तो हम अंग्रेजी शब्द पर ध्यान भी क्यों दें।

अन्य उदाहरण अंग्रेजी शब्द train का है। इस शब्द को कोई भी समझ सकता है , लेकिन उतना ही प्रचलित रेलगाड़ी शब्द भी है। यद्यपि इसमें भी रेल शब्द अंग्रेजी से आया है, लेकिन यह शब्द हिन्दी समाज अपना चुका है तो इसको क्यों छोड़ना। यहाँ पर train को ही अपना लिया जाए ये कहना सही नहीं है।

हमें हर प्रचलित अंग्रेजी शब्द के लिए यह विश्लेषण करना होगा। ये शब्दकोश लिखने जैसा श्रमसाध्य काम है लेकिन हर बड़ी यूरोपीय भाषा में ऐसे काम हो चुके हैं। समय और श्रम लगेगा पर सबके प्रयास से ये काम हो सकता है। हिन्दी में भी कामिल बुल्के जी ने बड़ा सुन्दर अंग्रेजी-हिन्दी शब्दकोश लिखा था, जो मेरे विचार में श्रेष्ठतम है और जिससे आज भी बहुत सहयोग मिल सकता है। लेकिन आजकल और भी नए अंग्रेजी शब्द या पुराने शब्द नए अर्थों में प्रचलन में आ चुके हैं, कामिल बुल्के कोश ने इनको शामिल नहीं किया था।

कामिल बुल्के जी के श्रम का उदाहरण देने लिए एक अंग्रेजी शब्द लेते है drudge. इसका अर्थ है कड़ी मेहनत करना या या कड़ी मेहनत करने वाला। ये सही अर्थ है लेकिन कामिल बुल्के जी का प्रयास हिन्दी समाज में प्रचलित ठीक उस अर्थ वाले “एक शब्द” या एक उक्ति को खोजने का भी रहा है। इस शब्द का एक अर्थ उन्होंने लिखा “कोल्हू का बैल” जिसके प्रभाव केवल “कड़ी मेहनत करने वाला” कहने से कहीं अधिक है। यही बात इस शब्दकोश को विशेष बनाती है। इस शब्दकोश का प्रयोग सटीक अनुवाद की समस्या को काफी हद तक घटाता है।


हिन्दी में प्रचलित अंग्रेजी शब्दों की कई श्रेणियाँ सम्भव हैं। केवल इस वार्तालाप के लिए मैं हिन्दी में प्रचलित अंग्रेजी शब्दों को इस प्रकार विभाजित कर रहा हूँ।

  1. अकारण प्रचलित अंग्रेजी शब्द
  2. वैज्ञानिक/तकनीकी शब्दावली
  3. नए अविष्कारों के प्रचलित नाम
  4. सोशल मीडिया अन्य ऐसे शब्द (जो अविष्कार नहीं हैं) जिनके अंग्रेजी रूप ही अधिक प्रचलन में आ गए हैं जबकि उनके हिन्दी रूप उपलब्ध हैं या हो सकते हैं

सबसे पहले ये बात ध्यान देने लायक है कि सबसे बड़ी श्रेणी तो अकारण प्रचलित अंग्रेजी शब्दों की ही है।

मेरी back में pain हो रहा है। इस प्रयोग का कारण हिन्दी भी शब्दों की कमी या अनुवाद की कमी नहीं है, ये तो हिन्दी के प्रयोग की इच्छा की कमी है। “मेरी कमर में दर्द है” इस वाक्य में कोई कठिन, किलिष्ट या अप्रचलित शब्द नहीं है। हिन्दी में सरलता से उपलब्ध शब्दों को आज हम चलन से बाहर कर रहे हैं, कल कहेंगे कि इसका हिन्दी अनुवाद अव्यावहारिक है।

मैं इसका use करता हूँ। क्या time हुआ है। कौन है जो प्रयोग या समय शब्द नहीं जानता।

belt कोई नया अविष्कार नहीं है, इसके लिए हिन्दी शब्द पेटी का चलन रहा है। इसको आज चलन से बाहर करके कम हम इसके अनुवाद खोजेंगे।

वैज्ञानिक शब्दावली में हिन्दी शब्दों के अनुवाद का अधिकार “वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग” के पास है। इस क्षेत्र में बहुत काम कई दशक पहले ही हो चुका है। इसके सार्वजनिक शब्द संग्रह कुछ पुराने प्रतीत होते हैं, उसमे नई कम्प्यूटर शब्दावली के बहुत से शब्द नहीं हैं। लेकिन अन्य विषयों जैसे गणित, भौतिकी जिनमें उतनी तेजी से बदलाव नहीं हुआ है उनके लिए आयोग के शब्द संग्रह मान्य हैं। इनमें बहुत से अनुवाद वो हैं जो पुराने भारतीय विज्ञान में प्रचलित रहे हैं। जैसे रसायन शब्द प्रचीन हैं जिसका अंग्रेजी अनुवाद Chemical है। इसी प्रकार खगोल, त्रिज्या, वृत्त जैसे शब्दों के प्राचीन आधार हैं। कुछ शब्द यूरोप में प्राचीन शब्दों से निकले हैं, मूल शब्द के लिए भारतीय शब्द उपलब्ध भी है। उस मूल शब्द को लगभग उसी प्रक्रिया से गुजाकर ये अनुवाद किये गए जैसे trigonometry का त्रिकोणमिति या Geometry का ज्यामिति। इनमें से कई शब्दों के यूरोपीय मूल भारत से ही निकले हैं । कुल मिलाकर हिन्दी वैज्ञानिक शब्दवाली खड़ी करने के प्रयास सफल रहे हैं एक समय हिन्दी क्षेत्र की अधिकांश शिक्षा हिन्दी भाषा में ही हो रही थी । हिन्दी भाषा से विज्ञान पढ़े हजारों लोग उच्च तकनीक क्षेत्र में अच्छा काम कर रहें हैं।

आयोग के कुछ शब्दों में भी अंग्रेजी से अनुवाद का पूर्वाग्रह दिखाई देता है, प्रचलित समतुल्य शब्द छोड़कर शाब्दिक अनुवाद के प्रति थोड़ा बहुत रुझान हो जाना ऐसे काम में स्वाभाविक है। लेकिन हिन्दी प्रेमी समाज को शामिल करके आयोग यहाँ पर अपने काम सरल कर सकता है। इसके लिए आयोग हो अपने शब्द संग्रह को एक वेबसाइट पर इस प्रकार उपलब्ध कराना चाहिए कि हर शब्द पर चर्चा हो सके जैसा की सोशल मीडिया पर होता है।

वैज्ञानिक शब्दावली के बाहर भी नए अविष्कारों के नाम समाज में प्रचलित होते हैं। उनमें से कुछ शब्दों को समाज ने ऐसे ही अपना लिया है , जैसे कम्प्यूटर , मोबाइल फोन सामाजिक प्रयोग के लिए इनके अनुवाद का प्रयास व्यर्थ ही होगा। वैज्ञानिक प्रयोग में अनुवाद हो सकता है पर प्रचलित भाषा को लोगों पर छोड़ देना ही ठीक है। दूसरी ओर रेलगाड़ी, पनडुब्बी, पनचक्की जैसे शब्द बिना प्रयास के ही समाज से हमें मिल गए हैं।

सोशल मीडिया और कम्प्यूटर के सन्दर्भ में बहुत से अंग्रेजी शब्द नए अर्थो में प्रचलित हो गए हैं। ये शब्द हिन्दी में उपलब्ध तो हैं लेकिन पुराने अर्थों में ही। जैसे Home शब्द, पुराने अर्थ तो घर ही होता था। लेकिन एक कीबोर्ड की कुंजी के सन्दर्भ में इसका अर्थ आरम्भ होता है। यद्यपि हिन्दी में भी घर शब्द इस प्रकार के अलग अलग अर्थों में प्रयोग में आता रहा है जैसे चौसर के खेल में गोटियों का घर होता है , अन्य कई खेलों में भी घर शब्द का प्रयोग होता है । यदि केवल हिंदी ही प्रचलन में होती तो घर शब्द का प्रयोग भी यहाँ ठीक ठाक होता, लेकिन जब लोग उसे अंग्रेजी होम शब्द के अनुवाद की तरह से देखेंगे तो उसमें वो भाव नहीं आ पायेगा।


क्या home, home page, delete, password जैसे कम्प्यूटर शब्दों का हिन्दी अनुवाद होना चाहिए?

मेरे विचार से एक बार चर्चा तो होनी चहिये और मिलकर एक हिन्दी शब्द चुन लेना चाहिए, भले ही आज समाज में वो शब्द प्रचलित ना हो लेकिन कल की कौन कह सकता है। सम्भव है जब अंग्रेजी का प्रयोग घटे तो ये शब्द उपयोगी हो जाएँ। एक समय था जब फारसी का बोलबाला था और दिनांक, सारांश जैसे शब्द नए और असहज प्रतीत होते थे। लेकिन आज ये व्यावहारिक शब्द हैं।

सभी प्रचलित शब्दों के यथासम्भव व्यावहारिक हिन्दी अनुवाद पर विचार करने का काम एक बार अवश्य होना चाहिए। अनुवाद करते समय हमें याद रखना चाहिए Submarine के लिए हिंदी समाज ने “जल मग्न यान” जैसा शाब्दिक अनुवाद ना बनाकर हिंदी भाषा की लय में रंगा हुआ शब्द पनडुब्बी विकसित किया है।

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