षण्मुख और तमिऴ भाषा के சண்முகம் (चण्मुकऩ् — षण्मुगऩ्)

संस्कृत षट् मुखम और तमिल शनमुगम में क्या कोई सम्बन्ध है?

जी हाँ षण्मुख और तमिऴ भाषा के சண்முகம் (चण्मुकऩ् — षण्मुगऩ्) एक ही देवता स्कन्द के नाम हैं। जिनके छह मुख होने से (षट् मुखानि यस्य) उन्हें षण्मुख कहा जाता है; षट् मुखम् इस नाम का अशुद्ध रूप है। संस्कृत में इन्हे कार्त्तिकेय, तथा कुमार भी कहते हैं।

तमिल में भी इन्हे முருகன் (मुरुकऩ् — मुरुगऩ् अर्थात कुमार), செய்யோன் (चेय्योऩ् — सेय्योऩ् अर्थात सुन्दरता और युद्ध का देवता), ஆறுமுகம் (आरुमुकम् —आरुमुगम्; आरु अर्थात छह, मुगम् = मुख), கந்தன் (कन्दऩ् — स्कन्द का अपभ्रंश ), கார்த்திகேயன் (कार्त्तिकेयऩ्), ஞானபண்டிதன் (ञाऩपण्टितऩ् — ञाऩपण्डितऩ् अर्थात् ज्ञान के पण्डित) आदि नामों से जाना जाता है।

सम्भवतः कार्तिकेय मूलतः अवैदिक परम्परा में युद्ध के देवता थे; जिन्हे सनातन परम्परा ने आत्मसात कर लिया।

छह मातृ स्वरूपा कृत्तिकाओं के दुग्धपान के लिए इनके छह सिर होने का पौराणिक आख्यान अनेक पुराणों तथा तमिऴ आगमों में मिलता है।

© अरविन्द व्यास, सर्वाधिकार सुरक्षित।

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