गोबर गणेश मुहावरा

गोबर गणेश मुहावरे का अर्थ है नासमझ, कई शब्दकोश इसका अर्थ मूर्ख लिख रहें है पर मैंने इसका व्यावहारिक प्रयोग केवल प्रेमवश नासमझ कहने के अर्थ में ही सुना है।

यहाँ पर गोबर और गणेश शब्दों में ग अक्षर की पुनरावृत्ति या तुकबन्दी है।

ठीक इसी अर्थ का एक और मुहावरा है, मिट्टी का माधव / मिट्टी का माधो । यहाँ म अक्षर की तुकबन्दी है।

गोबर गणेश में गणेश शब्द का प्रयोग है तो मिट्टी का माधव में माधव शब्द है। दोनों ही पूज्य देव हैं।

ये मुहावरे कब प्रचलित हो गए पता नहीं। इनको प्रयोग करने वालों का आशय देवों के प्रति अपमान तो प्रतीत नहीं होता।

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आपका कथन बिल्कुल सही है @संदीप_दीक्षित जी। गोबर गणेश में अपनत्व होता है और अपनों के लिए ही प्रयुक्त होता है। गणेश जी ने भगवान शंकर को द्वार पर नासमझीवश ही रोका था ना की मूर्खतावश।

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