अँग्रेजी से अनुवाद करके बने "बनावटी शब्द" और "स्वतः विकसित" सुन्दर शब्द

अनेक ऐसी चीजें हैं जिनका अविष्कार पिछले कुछ सौ वर्षो में भारत के बाहर हुआ। इस शब्दों को हमने उस भाषा से लिया जिसको बोलने वालों का हम पर राज था। जैसे Bicycle, Bus , Train, submarine (सबमरीन), turbine (टरबाइन)।

कुछ शब्द समाज में स्वतः विकसित हो गए कुछ का अनुवाद करने का प्रयास विद्वानों ने किया।

Submarine का हिन्दी में है पनडुब्बी और turbine का हिन्दी शब्द है पनचक्की । ये दो शब्द मुझे बहुत सुन्दर लगते हैं , इनमें हिन्दी भाषा की लय है इनमे जरा भी बनावटीपन नहीं । इस शब्दों में विदेशी शब्दों का भी कोई असर नहीं है इसलिए इन दोनों का अनुवाद करने की आवश्यकता विद्वानों को नहीं पड़ी। इस शब्दों को समाज ने पूरी तरह से ग्रहण कर लिया , कोई विवाद या चर्चा नहीं। किसी को लगता भी नहीं कि पनडुब्बी और पनचक्की किसी गैर भारतीय अविष्कार के लिए बने शब्द है।

अब Bicycle, Train के अनुवादों को लेते हैं। समाज में इनके लिए प्रचलित शब्द हैं साइकिल और रेलगाड़ी , अब ये शब्द विद्वानों को पसन्द नहीं आए। लगा कि ये शब्द तो शुद्ध हिन्दी नहीं हैं , साइकिल में तो अँग्रेजी cycle बच गया , नहीं नहीं ये नहीं चलेगा, इसके लिए हम सही अनुवाद करते हैं :- द्विचक्रिका। विद्वानों ने अनुवाद तो कर दिया पर समाज को सहज लगा ही नहीं। ये शब्द प्रचलन में आया ही नहीं। इसी प्रकार रेलगाड़ी में भी अँग्रेजी रेल (rail) बच गया , ये भी विद्वानों को पसंद नहीं आया। हिन्दी शब्द है तो कोई अंश भी विदेशी कैसे हो। इसका भी अनुवाद बना लौह पथ गामिनी। इस अनुवाद ने हिन्दी की जितनी क्षति की है उसका क्या अनुमान लगाया जाय। ये शब्द हिन्दी पर बने चुटकलों का केंद्र बन गया। इस जैसे शब्दों के आधार पर दिखाया जाने लगा कि हिन्दी कितनी कठिन भाषा है , और अँग्रेजी का प्रयोग करते रहना लाभदायक है। फिल्मों ने इस शब्द को लेकर चुटकले बनाए।

रेलगाड़ी अच्छा शब्द है और समाज में प्रचलित है , इसके रेल अंश को कोई अँग्रेजी अर्थ में लेता भी नहीं है। यही ट्रेन का सही अनुवाद भी है। कोई विद्वान Submarine को यदि पनडुब्बी के स्थान पर जल मग्न यान कह देता तो उसमें संस्कृत तो दिखाई देती पर हिन्दी की सहजता चली जाती।

इसी शृंखला में एक और शब्द देखने को मिला। सीधा प्रसारण , इस शब्द को 1980–90 के दशकों में खूब पढ़ा और सुना जाता था , यही अंग्रेजी Live Broadcast के स्थान पर हिन्दी में प्रयोग किया जाता था । अब वैज्ञानिक शब्दावली आयोग वालों ने संभवतः इसको पढ़ा और सुना नहीं और Live Broadcast का शाब्दिक अनुवाद कर दिया सजीव प्रसारण। सजीव प्रसारण केवल शाब्दिक अनुवाद है , सही अनुवाद नहीं है। लेकिन सरकारी संस्थाओं को यही अनुवाद मानना पड़ेगा।

यहाँ अंग्रेजी शब्द Live का भाव जीवित या सजीव से है नहीं , इसका अर्थ है कि जिस समय घटना हो रही है उसी समय उसका प्रसारण हो रहा है। सजीव प्रसारण में ये भाव नहीं है। सजीव शब्द का प्रयोग हिन्दी में इस भाव के लिए किया ही नहीं जाता , इसलिए सीधा शब्द ही उचित है। कई दशकों तक आकाशवाणी के वक्ताओं ने, हिन्दी समाचार पत्रों ने, सीधा प्रसारण वाक्यांश का प्रयोग किया है।

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ने पारम्परिक प्रयोग को महत्व ना देकर शाब्दिक अनुवाद को ही महत्व दिया है। ये हिन्दी भाषा का दुर्भाग्य है कि भाषा का औपचारिक तौर पर प्रयोग कम होने से समाज में स्वतः विकसित शब्दों के बजाय बनावटी अनुवाद सामने आने लगते हैं।

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