मलखान नाम का अर्थ।
बचपन में हम कुछ बच्चे मलखान नाम के लड़के का मजाक बनाते थे। बेचारे मलखान को मल की खान छी छी इत्यादि कह देते थे, जबकि मलखान शब्द का यह अर्थ नहीं है। यह बहुत प्राचीन और प्रचलित नाम है, आल्हा खण्ड महाकाव्य में एक प्रसिद्ध पात्र मलखान है। फिर कोई माता पिता अपने बच्चों का बुरा नाम नहीं रखते।
ज्यों ज्यों हम अपनी भाषाओँ से दूर होते जा रहे है, अनेक शब्द या शब्दों के अर्थ खोते जा रहे हैं। समाज में अनेक नाम बहुप्रचलित हैं लेकिन उनमे से कुछ के अर्थ सम्भवतः खो चुके हैं। मुकेश नाम पर मैंने पहले भी लिखा है।
एक उक्ति है : नामग्रामयो: व्युत्पत्ति: नास्ति।
अर्थात नाम और ग्राम की व्युत्पत्ति नहीं है।
ग्रामों के नाम पर तो ये उक्ति सटीक है लेकिन लोगों के नाम पर उतनी सही नहीं है। लोगों के नाम बहुधा सार्थक होते हैं और होते रहे हैं। बल्कि अपने बच्चे का नाम इतना प्रिय होता है कि लोग उसे शुभ और सार्थक दोनों ही रखना चाहते हैं और सदैव से चाहते रहे हैं। जहाँ पर नामकरण एक विशेष संस्कार होता हो वहाँ व्यक्ति के नाम में सार्थकता होने सम्भावना अधिक है।
मलखान शब्द का सम्बन्ध अति प्राचीन शब्द मल्ल से है। जिसे आज कुश्ती कहा जाता है वही प्राचीन काल में मल्ल युद्ध होता था। मल्ल युद्ध एक समय भारत के जन जीवन का अभिन्न अंग था। उस संस्कृति के अवशेष आज भी हरियाणा और महाराष्ट्र के गाँवों में मिल सकते हैं। कहा जाता है कि मुलतान, मालव, मालभूमि आदि स्थानों के नाम में भी मल्ल शब्द के अवशेष हैं। मल्ल एक सम्पूर्ण कला थी। मल्ल ना केवल मल्ल युद्द में निपुण होते थे बल्कि उससे सम्बन्धित शिक्षाओं में भी निपुण होते थे जैसे कि मोच आने के उपचार , हड्डी इत्यादि टूट जाने के उपचार।
मल्ल के लोकप्रिय होने से उससे सम्बन्धित कलाएँ निकल पड़ी उनमें से एक मल्लखम्भ या मलखम्भ या मलखम भी है। वस्तुतः मल्लखम्भ एक खम्बा होता है जो या तो जमीन में ऊर्ध्वाधर गड़ा होता है या किसी प्रकार से ऊर्ध्वाधर लटका होता है। इसी मल्लखम्भ या मलखम का प्रयोग करके दिखाए जाने वाले करतब मलखम्भ कहे जाते हैं।
इस मल्लखम्भ के इस खम्भे का एक नाम मलखानी भी है (सम्भवतः खेल के नाम से अलग करने को बाद में ये नाम दे दिया गया हो ) और मलखानी पर जो मल्ल करतब दिखाता था वो होता था मलखान।
अवश्य ही मलखान की समाज में एक प्रतिष्ठा होती होगी जो ये नाम इतना लोकप्रिय हुआ।